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                                                                   15 अगस्त - स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का दिन है। 15 अगस्त 1947 को हमारे देश ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह दिन हमें उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। श्री पी.एल. महाविद्यालय में इस अवसर को बड़े हर्षोल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाता है। ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होती है, जिसमें राष्ट्रगान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होती हैं। विद्यार्थी देशभक्ति गीत, नृत्य, और नाटक प्रस्तुत कर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे देश में ध्वजारोहण किया जाता है। लाल किले से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं, और स्कूल-कॉलेजों में देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं, नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हमें इस दिन अपने स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अनगिनत वीरों को याद कर, उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। "वंदे मातरम्" और "जय हिंद" के नारों से गूंजता यह दिन हमें देशप्रेम और एकता की भावना से जोड़ता है। आइए, हम सब मिलकर अपने देश के विकास में योगदान दें और इस स्वतंत्रता को बनाए रखें। आइए, इस राष्ट्रीय पर्व पर हम सब एकजुट होकर देश की एकता, अखंडता और विकास में योगदान देने का संकल्प लें!

                                                                26 जनवरी - गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। 1950 में इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, जिसने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना दिया। श्री पी.एल. महाविद्यालय में इस अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। ध्वजारोहण के बाद छात्र-छात्राएँ देशभक्ति पर आधारित कविताएँ, भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। साथ ही, हमारे संविधान की महत्ता और नागरिक अधिकारों पर विशेष चर्चा होती है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ, दिल्ली में भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों की झाँकियाँ, स्कूलों के रंगारंग कार्यक्रम और देश की विविधता में एकता की झलक इस समारोह का मुख्य आकर्षण होते हैं। गणतंत्र दिवस न केवल हमारे संविधान की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हमें अपने संविधान निर्माताओं, विशेष रूप से डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए अपने देश के लोकतंत्र को और मज़बूत बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। "सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा" के जोश से भरकर आइए, हम अपने देश के विकास में योगदान दें और इसे और भी मजबूत बनाएं। यह पर्व हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा देता है|

                                                                    बसंत पंचमी - विद्या और सरस्वती पूजा का पर्व

बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की उपासना का पर्व है। इस दिन विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में माँ सरस्वती की पूजा की जाती है और ज्ञान, संगीत, कला एवं शिक्षा के प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है। श्री पी.एल. महाविद्यालय में हर साल बसंत पंचमी के अवसर पर विशेष सरस्वती पूजन का आयोजन किया जाता है। छात्र-छात्राएँ पीले वस्त्र धारण कर माँ सरस्वती की आराधना करते हैं और विद्या की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इस दिन संगीत, कविता पाठ, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है, जहां छात्र-छात्राएँ माँ सरस्वती से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्रार्थना करते हैं। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने और पीले रंग का भोजन करने की परंपरा भी है, क्योंकि पीला रंग बसंत ऋतु का प्रतीक माना जाता है।बसंत पंचमी केवल देवी सरस्वती की पूजा का दिन ही नहीं, बल्कि प्रकृति के नए रूप को देखने का भी अवसर है। खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं और मौसम सुहावना हो जाता है। यह दिन हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का संदेश देता है। आइए, इस बसंत पंचमी पर हम सभी ज्ञान, सृजनशीलता और सकारात्मक ऊर्जा से अपने जीवन को संवारने का संकल्प लें!